हम फ्रंट फुट पर थे फिर अचानक युद्ध विराम की घोषणा क्यों हो गई : खरगे

हम फ्रंट फुट पर थे फिर अचानक युद्ध विराम की घोषणा क्यों हो गई : खरगे

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नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)। कांग्रेस अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। वह मंगलवार को राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे।

यहां उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमारे सशस्त्र बलों पर गर्व करती है और उनके शौर्य और पराक्रम को सलाम करती है। आर्मी के समर्थन में पूरा देश एकजुट खड़ा रहा। पूरे विपक्ष ने समर्थन दिया। कांग्रेस पार्टी ने देश हित में सरकार को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ चार दिनों में पाकिस्तानी की फायरिंग से जम्मू के पुंछ और राजौरी में 27 भारतीय नागरिक मारे गए, इनमें 5 बच्चे भी शामिल थे। 70 लोग घायल हुए। इन लोगों को बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सकता था, लेकिन सरकार ने देर की और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर नहीं पहुंचाया जा सका।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 10 मई को युद्धविराम विराम की घोषणा के उपरांत भाजपा के एक राज्यसभा सांसद ने कहा कि पहलगाम में जो शहीद हुए उनकी पत्नियों में वीरांगनाओं का भाव नहीं था। इसलिए वे हाथ जोड़ रही थीं, गिड़गिड़ा रही थीं। खरगे ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि महिलाओं के प्रति यह आपकी सोच व संवेदनशीलता है। उन्होंने कहा कि पति के मरने पर महिला को ऐसा कहने वाले नेता को कान पकड़कर बाहर निकालना चाहिए।

खरगे ने कहा कि मेहंदी वाले हाथों ने पति की लाश उठाई है, बेबस रोते बच्चों ने पिता को जान गंवाते देखा है, अश्रु भरी लाचार खड़ी बेबस नारी को देखा है, पहलगाम घाटी में हमने अपनों को मरते देखा है। उन्होंने कहा कि हम हमेशा से पाकिस्तान और उसके द्वारा आतंकियों को समर्थन देने की निंदा करते आए हैं और आगे भी करेंगे। लेकिन हम इधर निंदा करते हैं, उधर पीएम मोदी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को गले लगा लेते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब इनकी (भाजपा) पार्टी के लोग सेना और शहीदों का अपमान कर रहे हैं तो ऐसे में पीएम चुप क्यों बैठे हैं। राज्यसभा में बोलते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया। हम फ्रंट फुट पर थे, पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे। पाकिस्तान हमारे सामने गिड़गिड़ा रहा था, सरकार का यह कहना था। लेकिन फिर अचानक युद्ध विराम की घोषणा हो गई। अब सवाल यह है कि युद्ध विराम की घोषणा किसने की और किस जगह से हुई।

उन्होंने कहा कि इस युद्ध विराम की घोषणा हमारे प्रधानमंत्री ने नहीं की, विदेश मंत्री ने नहीं की, रक्षा मंत्री ने भी नहीं की बल्कि वाशिंगटन से अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने की। ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे युद्ध को रुकवाया है।

नेता प्रतिपक्ष ने राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अभी तक 29 बार यह बात कह चुके हैं कि भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध उन्होंने रुकवाया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप बार बार यह कह रहे हैं कि उन्होंने ट्रेड का इस्तेमाल करके युद्ध रुकवाया है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि पांच फाइटर जेट गिराए गए हैं। इसके बारे में स्पष्ट जानकारी आप ही दे सकते हैं। पीएम मोदी से देश जानना चाहता है कि वह साफ-साफ कहें हमारा कोई फाइटर जेट नहीं गिरा है।”

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहलगाम हमले से तीन दिन पहले पीएम मोदी ने अपना दौरा रद्द कर दिया था। मैंने पहले भी इसका जवाब मांगा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा, “मैं आज भी पूछ रहा हूं कि क्या सरकार को पहले से किसी हमले की आशंका थी। अगर हां, तो आपने वहां पर्यटकों को क्यों जाने दिया।”

खरगे ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमला हुआ। लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और मैंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र की मांग की, लेकिन हमें इस पत्र का कोई जवाब नहीं आया। पीएम मोदी विपक्ष के पत्र का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझते। खरगे ने कहा कि हमारे सवाल प्रधानमंत्री से हैं: किन शर्तों पर यह सीजफायर हुआ? पाकिस्तान के बैकफुट होने के बावजूद हमने इसे क्यों स्वीकार किया? क्या अमेरिका ने इसमें हस्तक्षेप किया है? अगर अमेरिका ने इसमें हस्तक्षेप किया है, तो किसके कहने पर और किन शर्तों पर किया है? क्या ये भारत की नो थर्ड पार्टी मध्यस्थता के खिलाफ नहीं हैं?

खरगे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ कोई देश खुलकर खड़ा नहीं हुआ। अमेरिका ने भी पाकिस्तान की स्पष्ट शब्दों में निंदा नहीं की। पाकिस्तान के आतंकवादियों को किसी भी देश ने कुछ नहीं कहा। खरगे ने कहा कि 2016 में उरी और पठानकोट में आतंकवादी हमले हुए। वर्ष 2019 में पुलवामा में और अब 2025 में पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि खुफिया विफलता और राष्ट्रीय सुरक्षा में विफलता बार-बार हो रही है। खरगे ने कहा कि वह गृह मंत्री से पूछना चाहते हैं कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है। अगर गृहमंत्री जिम्मेदार हैं तो वे अपना पद छोड़ दें। अगर नहीं, तो प्रधानमंत्री क्या कार्रवाई कर रहे हैं।

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