कोलकाता, 12 अगस्त (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता जोनल कार्यालय ने 11 अगस्त को सहारा समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई की। ईडी ने गाजियाबाद, लखनऊ, श्रीगंगानगर और मुंबई में कुल 9 ठिकानों पर छापेमारी की। ये ठिकाने सहारा समूह से जुड़ी विभिन्न जमीन और शेयर लेन-देन से संबंधित संस्थाओं के थे।
ईडी ने यह जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत शुरू की। इसकी शुरुआत ओडिशा, बिहार और राजस्थान पुलिस की ओर से दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर हुई थी। ये एफआईआर हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (एचआईसीसीएसएल) और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत दर्ज की गई थीं।
सहारा समूह की विभिन्न कंपनियों के खिलाफ अब तक 500 से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से 300 से ज्यादा पीएमएलए के तहत निर्धारित अपराधों से जुड़ी हैं।
आरोप है कि सहारा समूह ने जबरन पुनर्निवेश और मैच्योरिटी भुगतान रोककर निवेशकों को बड़े पैमाने पर धोखा दिया। ईडी की जांच में सामने आया कि सहारा समूह ने एचआईसीसीएसएल, एससीसीएसएल, एसयूएमसीएस, एसएमसीएसएल, एसआईसीसीएल, एसआईआरईसीएल, एसएचआईसीएल और अन्य संस्थाओं के जरिए एक पोंजी स्कीम चलाई।
इसमें निवेशकों और एजेंटों को ऊंचे रिटर्न और कमीशन का लालच देकर पैसे जमा कराए गए। इन फंड्स को बिना किसी नियामक नियंत्रण और निवेशकों की जानकारी के मनमाने ढंग से इस्तेमाल किया गया। निवेश की मैच्योरिटी पर भुगतान नहीं किया गया, बल्कि दबाव डालकर या गलत जानकारी देकर फिर से निवेश करा दिया गया।
खातों में हेरफेर कर इन गैर-भुगतानों को छिपाया गया। वित्तीय क्षमता न होने के बावजूद समूह ने नए निवेश लेना जारी रखा और इन पैसों का एक हिस्सा संदिग्ध शेयर लेन-देन, बेनामी संपत्ति बनाने और निजी खर्चों में इस्तेमाल किया।
समूह की संपत्तियां भी आंशिक नकद भुगतान पर बेची गईं, जिससे निवेशकों के वैध दावे और भी प्रभावित हुए। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए और संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए।
इससे पहले, ईडी इस मामले में तीन अस्थायी कुर्की आदेश जारी कर चुकी है। अंबी वैली में लगभग 1,460 करोड़ रुपए की 707 एकड़ जमीन, सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड में लगभग 1,538 करोड़ रुपए की 1,023 एकड़ जमीन, और चांदनी रॉय (पत्नी: सीमांत रॉय) की 14.75 करोड़ रुपए की चल संपत्ति शामिल हैं।
ईडी पहले ही सहारा समूह के चेयरमैन कोर मैनेजमेंट ऑफिस के कार्यकारी निदेशक अनिल वैलापरमपिल अब्राहम और लंबे समय से जुड़े प्रॉपर्टी ब्रोकर जितेंद्र प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इस मामले में जांच जारी है और आगे और खुलासे होने की संभावना है।