बेंगलुरु, 8 अगस्त (हि.ला.)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आज कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित फ्रीडम पार्क में ‘वोट अधिकार रैली’ की। उन्होंने चुनावों में भाजपा की मदद के लिए की जा रही कथित धांधली के आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग पर जोरदार हमला बोला।
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 9 अगस्त, 1942 को महात्मा गांधी ने 'करो या मरो' का नारा दिया था और आज हम एक वैसी ही अस्तित्व की लड़ाई का सामना कर रहे हैं। नागरिक के रूप में हमारे विशेषाधिकार खतरे में हैं क्योंकि आज हमारे मताधिकार छीने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए 'करो या मरो' का संघर्ष है और आह्वान किया कि हमें इस अवसर पर उठ खड़े होना होगा। कन्नड़ भाषा में अपने धाराप्रवाह भाषण में उन्होंने कहा कि अपने लोकतंत्र और भारत के संविधान को बचाने के लिए निर्णायक कदम उठाने होंगे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में भाजपा द्वारा 35 हजार से कम वोटों के अंतर से जीती गई 25 सीटों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इन्हीं सीटों की बदौलत नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग उन्हें देशभर की सीटों की डिजिटल मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज दे, इसके बाद वह साबित कर देंगे कि सिर्फ कर्नाटक की एक सीट पर धांधली नहीं हुई, बल्कि पूरे हिंदुस्तान में वोटों की चोरी हुई।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सवाल पूछे कि वह डिजिटल मतदाता सूची क्यों नहीं दे रहा और वीडियो रिकॉर्ड क्यों मिटा रहा है? वोटर लिस्ट में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा क्यों कर रहा है? चुनाव आयोग सवालों का जवाब देने के बजाय विपक्ष को धमकी क्यों दे रहा है और भाजपा के एजेंट की तरह क्यों काम कर रहा है?
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस का चुनावों में धांधली को लेकर संदेह गहरा गया था। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को ज्यादा सीटें मिली थीं, लेकिन चार महीने बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत गई। उन्होंने कहा कि इसकी प्रमुख वजह यह थी कि विधानसभा चुनाव में एक करोड़ नए मतदाताओं ने वोट डाला था, जिनके वोट भाजपा के खाते में गए।
कर्नाटक का उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वहां कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 16 सीटों पर जीत का अनुमान था, लेकिन उसे सिर्फ नौ लोकसभा सीटों पर जीत मिली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नतीजों की सच्चाई जानने के लिए चुनाव आयोग से मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज मांगी, लेकिन ये उपलब्ध नहीं कराए गए। उल्टा चुनाव आयोग ने वीडियो फुटेज से संबंधित कानून में ही बदलाव कर दिया। इसके बाद कांग्रेस ने खुद जांच शुरू की और इसके लिए बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र को चुना गया।
चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने बताया कि महादेवपुरा विधानसभा में पांच तरह की धांधलियों से 1,00,250 वोट चोरी किए गए। डुप्लीकेट वोटर बनाकर, फर्जी और अमान्य पतों का इस्तेमाल कर, एक ही पते पर बड़ी संख्या में मतदाताओं को पंजीकृत कर, अमान्य फोटो के साथ मतदाताओं को सूची में जोड़कर और फॉर्म-छह का गलत इस्तेमाल कर कुल 1,00,250 फर्जी वोट बनाए गए।
उन्होंने इसे अपराध बताते हुए कर्नाटक सरकार से इस फर्जीवाड़े की जांच कर कार्रवाई करने और चुनाव आयोग के अधिकारियों से सवाल पूछने की मांग की।
चुनाव आयोग पर करारा वार करते हुए राहुल गांधी ने आगे कहा कि उनके खुलासे के बाद चुनाव आयोग उनसे शपथ पत्र मांग रहा है, जबकि उन्होंने संसद में संविधान की शपथ ली है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब विभिन्न राज्यों की अपनी वेबसाइट बंद कर रहा है, क्योंकि उसे डर है कि जनता ने चुनावी डेटा को लेकर सवाल पूछने शुरू कर दिए तो उसका पूरा ढांचा ढह जाएगा।
उन्होंने कहा कि देश का चुनावी डेटा अपने आप में सबूत है और अगर कोई इसे नष्ट करता है तो उसका मतलब होगा कि वह सबूत मिटा रहा है और अपराध को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक व्यक्ति, एक वोट के संवैधानिक आधारभूत विचार पर हमला कर रहा है और चेतावनी दी कि संविधान पर आक्रमण करने वाले बच नहीं पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव आयोग न कुछ छिपा सकता है, न खुद छिप सकता है। एक न एक दिन उसे विपक्ष का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चुनाव आयोग ने कांग्रेस को डेटा नहीं दिया, तो पार्टी महादेवपुरा की तरह खुद ही कई सीटों पर जांच कर सकती है।
इस दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, कर्नाटक के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, प्रदेश अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार समेत अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।