रूस के कामचटका में 8.7 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी

रूस के कामचटका में 8.7 तीव्रता का भूकंप, सुनामी की चेतावनी जारी

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मॉस्को, 30 जुलाई (आईएएनएस)। मंगलवार रात करीब 11:24 बजे (जीएमटी) रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में 8.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र रूस के सुदूर पूर्वी इलाके के एक बड़े शहर पेत्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 125 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में अवाचा खाड़ी के पास था।

इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "प्रशांत महासागर में आए भीषण भूकंप के कारण, हवाई में रहने वालों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। अलास्का और संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रशांत तट पर सुनामी निगरानी जारी है। जापान भी खतरे में है।"

उन्होंने आगे कहा, "नई जानकारी के लिए कृपया सुनामीडॉटजीओवी पर जाएं। मजबूत रहें और सुरक्षित रहें।"

यूएसजीएस ने पहले इस भूकंप की तीव्रता 8.0 बताई थी, लेकिन बाद में नए आंकड़ों के आधार पर इसे 8.7 कर दिया गया। भूकंप 19.3 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिसके कारण सतह पर तीव्र झटके महसूस किए गए और सुनामी का खतरा बढ़ गया। यूएसजीएस ने चेतावनी दी कि भूकंप के तीन घंटे के भीतर रूस और जापान के तटीय क्षेत्रों में विनाशकारी सुनामी लहरें पहुंच सकती हैं।

इस भूकंप के बाद प्रशांत महासागर के कई हिस्सों में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों से ऊंचे स्थानों पर जाने और स्थानीय आपातकालीन निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है। रूस और पड़ोसी देशों में आपातकालीन सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं, और बाद में आने वाले झटकों की आशंका जताई जा रही है।

सोशल मीडिया पर भूकंप की तीव्रता को दर्शाने वाले कई वीडियो सामने आए हैं। इनमें कुछ वीडियो में फर्नीचर के जोर-जोर से हिलने और इमारतों में दरारें पड़ने की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। कामचटका क्षेत्र में इमारतों और बुनियादी ढांचे को नुकसान होने की खबरें हैं, हालांकि नुकसान का पूरा आकलन अभी बाकी है। स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है, और कई लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में घर छोड़कर निकल गए हैं।

कामचटका का यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है, क्योंकि यह प्रशांत रिंग ऑफ फायर पर स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियां अक्सर भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट का कारण बनती हैं।

फिलहाल, स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लें।

पीएम मोदी ने अपने भाषण में नहीं किया चीन और ट्रंप का जिक्र : राहुल गांधी

नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया दी। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और रक्षा मंत्री ने अपने भाषणों में चीन का नाम तक नहीं लिया।

राहुल गांधी ने संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए कहा, "पीएम मोदी ने अपने भाषण में कभी भी स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा कि ट्रंप झूठ बोल रहे थे। 29 बार ट्रंप ने सीजफायर की बात की, लेकिन उन्होंने उसका जवाब नहीं दिया। सबस महत्वपूर्ण बात यह थी कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में चीन का नाम तक नहीं लिया। पूरा देश जानता है कि चीन ने पाकिस्तान की मदद की, लेकिन प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने अपने भाषणों में चीन का नाम तक नहीं लिया।"

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा में दिए संबोधन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने अपने दो घंटे के भाषण में ऑपरेशन सिंदूर का पूरा श्रेय अपने कंधों पर लेने की कोशिश की। भाषण की शुरुआत में वे कह रहे थे कि देश के लोगों ने उनको समर्थन दिया। ये गलत है। देश के लोगों ने सरकार और भारतीय सेना को पूरी तरीके से समर्थन दिया, लेकिन अफसोस की बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय लेने की कोशिश की। साथ ही पहलगाम हमले की जिम्मेदारी से वे भाग गए। उन्होंने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी नहीं ली और यही बात प्रियंका गांधी ने कही थी।"

उन्होंने आगे कहा, "राहुल गांधी ने राष्ट्रपति ट्रंप और चीन को लेकर एक महत्वपूर्ण विषय उठाया था, लेकिन चीन का जिक्र पीएम मोदी ने एक बार भी नहीं किया। जिस चीन का जिक्र हमारे सेना के बड़े-बड़े अधिकारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स और डिफेंस को चीन ने समर्थन दिया है। उस चीन का एक बार भी पीएम मोदी ने जिक्र नहीं किया। साथ ही उन्होंने ट्रंप के सीजफायर को लेकर किए गए दावे का भी प्रधानमंत्री ने खंडन नहीं किया।"

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