यूजीसी ने रैगिंग को लेकर कॉलेजों को दी सख्त चेतावनी

यूजीसी ने रैगिंग को लेकर कॉलेजों को दी सख्त चेतावनी

Share this post:

 

मुंबई 10 जुलाई (वार्ता)। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने गुरुवार को उच्च शिक्षण संस्थानों को सभी प्रकार की रैगिंग रोकने के लिए सतर्क रहने की सख्त चेतावनी दी है। इसमें मनोवैज्ञानिक शारीरिक और सामाजिक उत्पीड़न विशेषकर व्हाट्सएप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से होने वाली रैगिंग भी शामिल है।

यूजीसी ने कहा है कि वरिष्ठ द्वारा कनिष्ठ छात्रों को व्हाट्सएप मैसेज या ग्रुप चैट के माध्यम से परेशान करना भी रैगिंग का एक रूप माना जाएगा। संस्थानों को नियमित रूप से निगरानी करनी चाहिए कि कहीं वरिष्ठ छात्र ऐसे किसी व्हाट्सएप ग्रुप का उपयोग कनिष्ठ छात्रों को निशाना बनाने और उन्हें परेशान करने के लिए तो नहीं कर रहे हैं।

यूजीसी ने कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों को ऐसी गतिविधियों की गहन जांच करने और छात्रों से प्राप्त किसी भी शिकायत पर तुरंत प्रतिक्रिया देने का निर्देश दिया है और ऐसा नहीं करने पर संस्थान को यूजीसी से मिलने वाले वित्तीय अनुदान निलंबित किए जा सकते हैं और आगे दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।

यूजीसी को प्रत्येक वर्ष नामंकन कराने वाले नये छात्रों से रैगिंग की सैकड़ों शिकायतें मिलती हैं। डिजिटल संचार साधनों के बढ़ते चलन के साथ धमकाने एवं उत्पीड़न करने के लिए इनके दुरुपयोग में भी चिंताजनक वृद्धि हुई है। शिकायतों में ऐसी घटनाएं शामिल हैं जिनमें कनिष्ठ छात्रों को आपत्तिजनक संदेश चित्र चुटकुले धमकियां भेजी जाती हैं तथा व्हाट्सएप एवं अन्य प्लेटफॉर्म के माध्यम से उन्हें ट्रोल किया जाता है।

इन बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर यूजीसी ने डिजिटल रैगिंग पर अंकुश लगाने तथा शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षित एवं सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए यह सक्रिय कदम उठाया है।

स्पेशल रिपोर्ट

Stay Connected

Popular News