मानवाधिकारों के उल्लंघन मामलों की सुनवाई के लिए 21-22 जुलाई को भुवनेश्वर में शिविर लगाएगा एनएचआरसी

मानवाधिकारों के उल्लंघन मामलों की सुनवाई के लिए 21-22 जुलाई को भुवनेश्वर में शिविर लगाएगा एनएचआरसी

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (हि.ला.)। 

 

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत 21-22 जुलाई को मानव अधिकारों के कथित उल्लंघनों के मामलों की सुनवाई के लिए भुवनेश्वर, ओडिशा में दो दिवसीय शिविर का आयोजन कर रहा है। एनएचआरसी के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन, सदस्य, न्यायमूर्ति (डॉ.) बिद्युत रंजन सारंगी, विजया भारती सयानी और प्रियांक कानूनगो 21 जुलाई को केशरी नगर में राजकीय अतिथि गृह की यूनिट पांच में सुबह 10 बजे से मामलों की सुनवाई करेंगे।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के महासचिव भरत लाल, रजिस्ट्रार (विधि) जोगिंदर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शिविर और खुली सुनवाई में शामिल होंगे। मामलों की सुनवाई के अलावा, शिविर का उद्देश्य मानव अधिकारों के उल्लंघन के पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाकर अधिकारियों को मानव अधिकारों के प्रति संवेदनशील बनाना है। आयोग नागरिक समाज संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों और मानव अधिकार रक्षकों (एचआरडी) के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत करेगा।

राज्य के अधिकारियों और संबंधित शिकायतकर्ताओं को इन मामलों की सुनवाई में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है ताकि मौके पर ही विचार-विमर्श और निर्णय लिया जा सके। जिन मामलों की सुनवाई होनी है, उनमें पत्रकारों, मानव अधिकार रक्षकों (एचआरडी) और उनके परिवारों पर हमले; महिलाओं के खिलाफ अपराध; पॉक्सो सहित बाल अपराध; सांप के काटने और चिकित्सा सहायता के अभाव में मृत्यु; भद्रक, केंद्रपाड़ा और अन्य तटीय जिलों में पाँच से अधिक परिवारों के सामने आई बाढ़ की समस्या; जादू- टोना और तंत्र-मंत्र के आरोपों के कारण मानव अधिकारों का उल्लंघन, और कोविड-19 अवधि के दौरान बालिकाओं की तस्करी शामिल हैं।

मामलों की सुनवाई के बाद आयोग राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करेगा।

22 जुलाई को आयोग नागरिक समाज संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और मानव अधिकार रक्षकों (एचआरडी) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा। इसके बाद, राज्य में मानव अधिकार मुद्दों और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी के व्यापक प्रसार हेतु शिविर के परिणामों के बारे में एक मीडिया ब्रीफिंग आयोजित की जाएगी।

2007 से राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग देश भर में शिविर आयोजित कर रहा है। आयोग ने उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, ओडिशा, गुजरात, असम, मेघालय, छत्तीसगढ़, मणिपुर, मध्य प्रदेश, पंजाब, केरल, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, झारखंड, अंडमान और निकोबार, नागालैंड, उत्तराखंड, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों में शिविर आयोजित किए हैं।

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