नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच निरस्त्रीकरण, प्रसार-निरोध और निर्यात नियंत्रण पर सातवें दौर की वार्ता मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित हुई। यह संवाद दोनों देशों के बीच सुरक्षा, शांति और वैश्विक स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
बैठक में दोनों पक्षों ने कई अहम विषयों पर चर्चा की। इसमें परमाणु, रासायनिक और जैविक हथियारों का निरस्त्रीकरण और इन हथियारों के प्रसार निरोध से जुड़े मुद्दे शामिल थे।
इसके साथ ही अंतरिक्ष सुरक्षा से जुड़े मामलों पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया, ताकि भविष्य में अंतरिक्ष का उपयोग केवल शांति और विकास के लिए हो सके।
वार्ता में पारंपरिक हथियारों और सैन्य क्षेत्र में एआई के इस्तेमाल पर भी चर्चा हुई। यह मुद्दा इसलिए अहम है क्योंकि एआई का इस्तेमाल आने वाले समय में युद्ध और सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकता है। इसके अलावा, बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण प्रणालियों पर भी विचार हुआ, ताकि खतरनाक हथियारों और संवेदनशील तकनीकों को गलत हाथों में जाने से रोका जा सके।
इस संवाद का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच एक-दूसरे के दृष्टिकोण को बेहतर तरीके से समझना और वैश्विक घटनाक्रमों पर साझा दृष्टिकोण विकसित करना था।
बैठक में हुई चर्चाओं से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच समझ और सहयोग ज्यादा गहरा होगा, जिससे भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूती मिलेगी।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मुआनपुई सैयावी, संयुक्त सचिव (निरस्त्रीकरण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामलों), विदेश मंत्रालय ने किया। उन्होंने भारत की नीतियों और दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से सामने रखा और भविष्य में सहयोग के नए रास्ते सुझाए।
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वैनेसा वुड, राजदूत (हथियार नियंत्रण और प्रसार-निरोध), विदेश और व्यापार विभाग ने किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की ओर से वैश्विक शांति, सुरक्षा और निरस्त्रीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया।