भुवनेश्वर, 8 अगस्त (आईएएनएस)। बीजू जनता दल (बीजद) ने शुक्रवार को ओडिशा सरकार पर पिछले एक साल से कृषि क्षेत्र की "पूर्ण अनदेखी" करने का गंभीर आरोप लगाया। पार्टी नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार किसानों से किए गए सभी वादों को पूरा करने में नाकाम रही है और उनकी नीतियां किसानों के हितों के खिलाफ हैं।
बीजद ने आंकड़ों के आधार पर दावा किया कि कृषि क्षेत्र की विकास दर में बड़ी गिरावट आई है। 2023-24 में यह 7.6 फीसद थी, जो 2024-25 में घटकर 3.8 फीसद रह गई। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ओडिशा के लिए कृषि बजट 2023-24 के 21,011 करोड़ से घटाकर 2024-25 में 17,089 करोड़ कर दिया गया। पार्टी ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की फंडिंग में कटौती की भी आलोचना की, जो 2023-24 में 146 करोड़ थी और 2024-25 में घटकर 32 करोड़ रह गई।
बीजद ने धान खरीद में आई दिक्कतों को भी उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार की नई पंजीकरण नीति के तहत किसानों से कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है, जिसका मकसद 800 रुपए प्रति क्विंटल के अतिरिक्त समर्थन मूल्य का बोझ कम करना है। पार्टी का आरोप है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) समय पर धान नहीं उठा रहा, जिससे किसान मजबूरी में सस्ते दामों पर धान बेचने को मजबूर हैं। बेमौसम बारिश ने हालात और खराब कर दिए हैं और भुगतान में 48 घंटे का वादा भी पूरा नहीं हो रहा।
बीजद ने विरोध तेज करने का ऐलान किया है। पार्टी 18 अगस्त को बरगढ़ में 'कृषक समावेश' (किसानों का जमावड़ा) आयोजित करेगी, जहां किसान नेता और किसान सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। बीजद ने चेतावनी दी कि जब तक सरकार सुधार नहीं करती, वह किसानों के लिए आंदोलन जारी रखेगी।