लखनऊ, 12 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है। कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह घटना सुनियोजित और प्रायोजित है। आज यह बात भी स्पष्ट हो गई है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने जब विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया तो संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की है। मैं इस कार्रवाई का स्वागत करती हूं। लेकिन, अधूरी कार्रवाई नाकाफी है। लोगों के खिलाफ जो एफआईआर की गई, उसमें से प्रमुख आरोपी भारतीय जनता पार्टी का जिलाध्यक्ष है, उसका नाम क्यों छोड़ दिया गया? मतलब साफ है कि सरकार ऐसी घटना को अंजाम देने वालों को संरक्षित करने का काम कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर प्रदेश में दंगा-फसाद होता है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। मेरा साफ तौर पर मानना है कि इसकी जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी की होगी।
वहीं, कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) ने फतेहपुर के मुद्दे पर कहा कि आज के दिन विधानसभा की कार्यवाही के दौरान केवल हंगामा देखने को मिला। सत्र बेहतर तरीके से चलेगा, हम ऐसी उम्मीद करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर कोई इस घटना पर चर्चा करना चाहता है, तो सभी सदस्यों को अपनी सीटों पर बैठना चाहिए। मैं तो यही कहूंगा कि अगर विपक्ष प्रश्नकाल के दौरान हंगामा करता है तो वह अपना ही समय बर्बाद कर रहा है।
फतेहपुर विवाद पर विधायक मनोज कुमार पांडे ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस जांच कर रही है और सरकार ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि पहले दिन सोमवार और दूसरे दिन मंगलवार को समाजवादी पार्टी ने विधानसभा में हंगामा किया। सतीश महाना और सुरेश खन्ना ने मामले की पूरी जानकारी दी और बोलने का मौका दिया। सरकार सभी मुद्दों पर बहस और जवाब के लिए तैयार है। सुरेश खन्ना ने साफ कहा कि कार्रवाई हो रही है, लेकिन विपक्ष सिर्फ हंगामा करता रहा। उन्हें न तो लोकतंत्र और न ही संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा है।