पाकिस्तान में मानसून का कहर, 200 से अधिक लोगों की मौत

पाकिस्तान में मानसून का कहर, 200 से अधिक लोगों की मौत

Share this post:

 

इस्लामाबाद, 20 जुलाई (आईएएनएस)। पाकिस्तान में मानसून की बारिश ने भयंकर तबाही मचाई है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) के अनुसार, अब तक 202 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, 96 बच्चों की मौत ने स्थिति की भयावहता को और बढ़ा दिया है।

पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा 123 लोगों की मौत हुई है। खैबर पख्तूनख्वा में 40, सिंध में 21, बलूचिस्तान में 16 और इस्लामाबाद व जम्मू-कश्मीर में एक-एक व्यक्ति की जान गई है। मौतों की वजह अचानक आई बाढ़, भरभरा कर गिरी इमारतें, करंट लगना, बिजली गिरना और भूस्खलन को बताया जा रहा है।

118 लोग गिरी इमारतों के मलबे में दब कर मर गए, 30 लोगों की जान अचानक आई बाढ़ में चली गई, जबकि अन्य लोग डूबने, बिजली गिरने, करंट लगने और भूस्खलन के कारण मारे गए।

नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एनईओसी) ने पूरे देश के लिए चेतावनी जारी की है, जो 25 जुलाई तक प्रभावी रहेगी। इसमें अचानक बाढ़, शहरी जलभराव और हिमनद झीलों के फटने का खतरा बताया गया है।

खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब, सिंध और इस्लामाबाद के कई जिले हाई अलर्ट पर हैं। स्थानीय प्रशासन को नालियों की सफाई और आपातकालीन टीमें तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।

पाकिस्तान मौसम विभाग ने 25 जुलाई तक हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान लगाया है, लेकिन प्रमुख नदियों के ऊपरी क्षेत्रों में अचानक बाढ़ का खतरा बना हुआ है। निचले और पहाड़ी इलाकों में बाढ़ से सड़कों और बुनियादी ढांचों को नुकसान हो सकता है। 21 से 24 जुलाई तक मध्य और उत्तरी क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश की आशंका है।

रावलपिंडी, लाहौर, सियालकोट, सरगोधा, फैसलाबाद, मुल्तान, खानेवाल, साहिवाल, लोधरां, मुजफ्फरगढ़, कोट अड्डू, तौनसा, राजनपुर, बहावलपुर और रहीम यार खान जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा है।

देश के कई हिस्सों में नालियों के जाम होने से जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ गए हैं। स्थानीय प्रशासन की तैयारियों और नालियों की सफाई में कमी के लिए आलोचना हो रही है।

नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे भारी बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और जोखिम वाले क्षेत्रों में यात्रा से बचें। प्रशासन को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

स्पेशल रिपोर्ट

Stay Connected

Popular News