धारूहेड़ा (हरियाणा), 11 अगस्त (हि.ला.)। धारूहेड़ा नगर पालिका की ओर से नगर में स्वच्छता अभियान के नाम पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाकर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। रैलियों और अन्य प्रचार माध्यमों के जरिये स्वच्छता का संदेश दिया जा रहा है लेकिन नगर में स्वच्छता मिशन पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं। जिससे यहां के बाशिंदे जहालत की जिंदगी जीने को मजबूर है। नगर की हर गली में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कचरे के ढेर लगे हैं।
गंदगी के कारण जहां लोगों को बदबू का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मच्छर पनपने से बीमारियां फैलने लगी हैं। कई जगह गंदे पानी का भराव है। कस्बे के लोगों ने नगर पालिका चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन सहित अनेक जिम्मेदार लोगों से शिकायत की लेकिन जबाव मिलता है कि सफाई कर्मी उनकी सुनते ही नहीं हैं l ऐसे में सवाल उठता है कि सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं लेकिन नतीजा शून्य है l 132 सफाई कर्मियों की संख्या काग़ज़ों में है लेकिन मौके पर 30 से ज्यादा नहीं मिलते l बाकी सफाई कर्मियों की हाजिरी केवल कागजों पर लगती है। सार्वजनिक शौचालय कभी साफ ही नहीं होते l कस्बे के लोगों का कहना है कि सफाई नहीं तो सफाई चार्ज क्यों वसूल रहे हो ? मजबूरी वश यहां के बाशिंदों ने निजी लोगों को सफाई पर रख लिया है l
लोगों के घरों के सामने बड़ी मात्रा में कचरे से नालियां भरी पड़ी हैं। जिससे पानी की निकासी बंद हो गई है। परिवार के कई सदस्य मच्छरों के काटने से बीमार पड़ गए हैं। सोमवार को लोगों ने स्वयं के पैसे से मजदूर बुलवाकर अपने घरों के आसपास साफ-सफाई कराई। उन्होंने कहा कि पूरे नगर में साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पार्षदों से शिकायत करने पर भी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। धारूहेड़ा कस्बा में जब से नगर पालिका बनी है तब से यहां की व्यवस्था बिगड़ गयी हैं l नगर पालिका में भ्रष्टाचार की बू आ रही है l रिंग रोड जो कि रिपेयर किया गया है, उसमें भी कोई अर्थ वर्क नहीं हुआ l