नई दिल्ली, 22 जुलाई (हि.ला.)। जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से सोमवार को अचानक इस्तीफा देने पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाये हैं। कांग्रेस महासचिव (संचार) एवं राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने कहा है कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दिया है लेकिन इसके पीछे की असली वजह कुछ और है।
जयराम रमेश ने मंगलवार को कहा कि कल दोपहर 12:30 बजे जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज़्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी।
कांंग्रेस नेता ने कहा कि शाम 4:30 बजे धनखड़ की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतज़ार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए। सबसे हैरानी की बात यह थी कि धनखड़ जी को व्यक्तिगत रूप से यह नहीं बताया गया कि दोनों मंत्री बैठक में नहीं आएंगे। स्वाभाविक रूप से उन्हें इस बात का बुरा लगा और उन्होंने BAC की अगली बैठक आज दोपहर 1 बजे के लिए टाल दी।
जयराम रमेश ने कहा कि इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच ज़रूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए। लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि धनखड़ ने हमेशा 2014 के बाद के भारत की तारीफ़ की, लेकिन साथ ही किसानों के हितों के लिए खुलकर आवाज़ उठाई। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में बढ़ते 'अहंकार' की आलोचना की और न्यायपालिका की जवाबदेही व संयम की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। मौजूदा ‘G2’ सरकार के दौर में भी उन्होंने जहां तक संभव हो सका, विपक्ष को जगह देने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि धनखड़ नियमों, प्रक्रियाओं और मर्यादाओं के पक्के थे। लेकिन उन्हें लगता था कि उनकी भूमिका में लगातार इन बातों की अनदेखी हो रही है।
जयराम रमेश ने कहा कि जगदीप धनखड़ का इस्तीफ़ा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है। साथ ही, यह उन लोगों की नीयत पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है, जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचाया था।