नई दिल्ली 16 जुलाई (हि.ला.)। दिल्ली विधान सभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा सदन में जारी नवीनीकरण और आधुनिकीकरण कार्यों की समीक्षा हेतु एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की। बैठक में बताया गया कि 27 जुलाई 2025 तक संपूर्ण विधानसभा सदन का नवीनीकरण और सौर ऊर्जा संयंत्र का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
बैठक में धर्मेन्द्र कुमार मुख्य सचिव (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार); बिपुल पाठक अपर मुख्य सचिव (वित्त विभाग); अपर मुख्य सचिव (लोक निर्माण विभाग); प्रमुख सचिव (गृह विभाग); प्रमुख सचिव (सेवाएं विभाग); प्रमुख सचिव (कला संस्कृति और भाषा विभाग); प्रमुख सचिव (सामान्य प्रशासन विभाग);तथा प्रमुख सचिव (कानून न्याय एवं विधायी कार्य विभाग) उपस्थित थे।
बैठक के दौरान अध्यक्ष को नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) परियोजना की प्रगति के साथ-साथ विधानसभा परिसर में चल रहे अन्य आधुनिकीकरण एवं नवीनीकरण कार्यों की जानकारी दी गई। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों ने सूचित किया कि संपूर्ण नवीनीकरण और सौर ऊर्जा संयंत्र का कार्य 27 जुलाई 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। ये सभी प्रयास आगामी मानसून सत्र की तैयारियों के अंतर्गत किए जा रहे हैं जो जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में आयोजित होने की संभावना है।
गुप्ता को बताया गया कि विधानसभा के बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने हेतु व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं और NeVA परियोजना तेज़ी से आगे बढ़ रही है। इस पहल का उद्देश्य विधानसभा को पूरी तरह डिजिटल एवं काग़ज़ रहित बनाना है।
प्रमुख विकास कार्यों के अंतर्गत दिल्ली विधानसभा में डिजिटल कॉन्फ्रेंस एवं नेटवर्किंग सिस्टम स्थापित किया जा रहा है जिससे पारदर्शिता दक्षता और काग़ज़ रहित विधायी कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। इस प्रणाली में स्मार्ट डेलीगेट यूनिट्स होंगी जिनमें माइक्रोफोन मतदान पैनल RFID/NFC एक्सेस और बहुभाषी अनुवाद सुविधा शामिल होगी। सदस्यों को रीयल टाइम में कार्यसूचियों और दस्तावेज़ों की उपलब्धता हेतु आईपैड प्रदान किए जाएंगे। साथ ही एचडी कैमरे युक्त एक स्वचालित ऑडियो-विज़ुअल सिस्टम केंद्रीकृत नियंत्रण और एक सुरक्षित तेज़ नेटवर्किंग सिस्टम भी स्थापित किया जा रहा है जिसमें पर्याप्त पावर बैकअप की सुविधा भी होगी।
गुप्ता ने विधान प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक के समावेश को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और यह भी दोहराया कि दिल्ली विधानसभा सचिवालय की प्रतिबद्धता एक दक्ष पारदर्शी एवं जनकेंद्रित विधान व्यवस्था की दिशा में सुदृढ़ बनी रहेगी ताकि यह जनता की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर सके।