नई दिल्ली, 11 अगस्त (हि.ला.)। दिल्ली विधानसभा के ऐतिहासिक भवन में में 24 और 25 अगस्त को ‘ऑल इंडिया स्पीकर्स कांफ्रेंस’ का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम देश के पहले निर्वाचित केंद्रीय विधानसभा अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल की अध्यक्षता के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर उनके जीवन, संसदीय योगदान और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका पर आधारित भव्य प्रदर्शनी, विशेष डॉक्यूमेंट्री और स्मारक डाक टिकट का लोकार्पण किया जाएगा।
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज प्रेस वार्ता में बताया कि स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे और समापन सत्र की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेंगे। विशेष स्मारक डाक टिकट का लोकार्पण केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किया जाएगा।
ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस के मुख्य वक्ता राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री परवेश साहिब सिंह होंगे।
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन में देशभर से 32 विधानसभाओं और विधान परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति और उपसभापति शामिल होंगे। राज्य अतिथियों के स्वागत और प्रोटोकॉल के लिए दिल्ली सरकार ने 125 अधिकारियों की नियुक्ति की है। सभी राज्यों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को ‘स्टेट गेस्ट’ का दर्जा मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “विरासत से विकास” के विज़न को ध्यान में रखते हुए दिल्ली विधानसभा ने इस सम्मेलन में न केवल अपने गौरवशाली अतीत को प्रदर्शित करने का निर्णय लिया है, बल्कि पेपरलेस प्रणाली, सौर ऊर्जा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे भविष्यमुखी विषयों को भी शामिल किया है।
सम्मेलन में चार प्रमुख सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें शामिल हैं — विट्ठलभाई पटेल की संविधान और संसदीय संस्थाओं के निर्माण में भूमिका, स्वतंत्रता-पूर्व केंद्रीय विधानसभा के नेताओं का स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक सुधारों में योगदान, शासन में पारदर्शिता और जनविश्वास के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका, तथा भारत – लोकतंत्र की जननी। ये सत्र भारत की संसदीय परंपराओं, लोकतांत्रिक मूल्यों और आधुनिक शासन में तकनीक की प्रासंगिकता पर गहन चर्चा का अवसर प्रदान करेंगे।
दिल्ली विधानसभा भवन का निर्माण 1912 में हुआ था और यहां से लाला लाजपत राय, पंडित मदन मोहन मालवीय और गोपाल कृष्ण गोखले जैसे नेताओं ने औपनिवेशिक नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। रॉलेट एक्ट का विरोध भी यहीं से शुरू हुआ था, जिसने असहयोग आंदोलन को जन्म दिया।
प्रदर्शनी में विट्ठलभाई पटेल के अभिलेखीय दस्तावेज, फोटोग्राफ और सदन की ऐतिहासिक कार्यवाही के रिकॉर्ड प्रदर्शित होंगे — जिनमें वह दिन भी दर्ज है जब शहीद भगत सिंह ने विधानसभा में बम फेंका था। डॉक्यूमेंट्री में महात्मा गांधी के सदन में तीन ऐतिहासिक आगमन, साइमन कमीशन के विरुद्ध विरोध और पटेल के अध्यक्ष पद संभालने के क्षण भी दिखाए जाएंगे।
अतिथियों के लिए विशेष रात्रिभोज और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 23 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा स्वागत रात्रिभोज, 24 अगस्त को संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष द्वारा रात्रिभोज, और 25 अगस्त को राज निवास में उपराज्यपाल द्वारा रात्रिभोज शामिल हैं। प्रत्येक अवसर पर भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हुए विशेष रूप से तैयार किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
अंत में गुप्ता ने कहा कि यह सम्मेलन न केवल विट्ठलभाई पटेल की ऐतिहासिक विरासत को याद करेगा, बल्कि भविष्य के संसदीय लोकतंत्र के लिए एक स्पष्ट दिशा भी तय करेगा। यह आयोजन दिल्ली विधानसभा के लिए विरासत और प्रगति का संगम साबित होगा।