जीत की ट्रॉफी सिर्फ पीओके, क्रिकेट मैदान में नहीं एलओसी पर हो पाकिस्तान से मुकाबला : अभिषेक बनर्जी

जीत की ट्रॉफी सिर्फ पीओके, क्रिकेट मैदान में नहीं एलओसी पर हो पाकिस्तान से मुकाबला : अभिषेक बनर्जी

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नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 में होने वाले मुकाबले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान से कोई मुकाबला होगा, तो वह केवल लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर हो और पीओके ही वह एकमात्र 'ट्रॉफी' हो, जिसे हम हासिल करना चाहते हैं।

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत को किसी भी क्षेत्र में पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं रखना चाहिए। पाकिस्तान के साथ हमारा एकमात्र संबंध युद्ध के मैदान में होना चाहिए, और पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) वापस लेना ही एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "दशकों से पाकिस्तान ने हमारे देश में आतंक फैलाया है, आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, और अनगिनत भारतीयों की जान ली है। इसके बावजूद, समय-समय पर 'खेल को राजनीति से अलग रखने' की बातें उठती हैं, लेकिन यह अब बंद होना चाहिए। जब कोई देश आतंकवाद के जरिए हमारे नागरिकों और सैनिकों का खून बहाता है, तब कोई 'तटस्थ मैदान' नहीं होता। क्रिकेट की कोई पिच हमारे शहीदों के खून को धो नहीं सकती। हमारा तिरंगा क्रिकेट के बल्ले और गेंद से नहीं, बल्कि हमारे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और शौर्य के कारण ऊंचा लहराता है।"

अभिषेक बनर्जी ने भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा, "हम अपने क्रिकेटरों का सम्मान करते हैं और खेल को प्यार करते हैं, लेकिन एक राष्ट्र के रूप में हम अपने सैनिकों को सर्वोच्च सम्मान देते हैं। वे सैनिक जो हमारी रक्षा करते हैं, ताकि हम स्टेडियमों में तालियां बजा सकें। वे सैनिक जो हमारे लिए खून बहाते हैं, ताकि हम खेल का आनंद ले सकें। ऐसे देश के साथ हाथ मिलाना, जो हमारी सीमाओं पर गोलियां चलाता है, कूटनीति नहीं, बल्कि विश्वासघात है। हमारा लक्ष्य मनोरंजन नहीं, बल्कि न्याय होना चाहिए। अगर पाकिस्तान के साथ कोई मुकाबला होना है, तो वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हो, और पीओके ही वह एकमात्र ट्रॉफी हो, जिसे हम हासिल करना चाहते हैं। इससे कम कुछ भी हमारे शहीदों का अपमान और पहलगाम जैसे आतंकी हमलों के पीड़ितों के साथ अन्याय और विश्वासघात होगा।"

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