नई दिल्ली, 26 जुलाई (हि.ला.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत 28-29 जुलाई को तेलंगाना के 109 कथित मानवाधिकार उल्लंघन मामलों की सुनवाई के लिए हैदराबाद में दो दिवसीय 'खुली सुनवाई और शिविर बैठक' आयोजित कर रहा है ताकि पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सके।
एनएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन, सदस्य न्यायमूर्ति (डॉ.) विद्युत रंजन सारंगी और विजया भारती सयानी 28 जुलाई, 2025 को सुबह 10 बजे से एमसीआर एचआरडी संस्थान, जुबली हिल्स, हैदराबाद में शिकायतकर्ताओं और संबंधित राज्य अधिकारियों की उपस्थिति में मामलों की सुनवाई करेंगे। एनएचआरसी, भारत के महासचिव भरत लाल; महानिदेशक (जांच), आर. पी. मीणा, रजिस्ट्रार (विधि), जोगिंदर सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
सुनवाई के दौरान उठाए जाने वाले मामलों में पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर सत्ता का दुरुपयोग, सरकार की विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के तहत लाभों से वंचित करना, जेलों में अनियमितताएं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा में कथित लापरवाही, राज्य भर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अधिकार, महिलाओं के अधिकार जिनमें उनके सामने आने वाली स्वास्थ्य समस्याएं विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं, और तस्करी आदि शामिल हैं।
अगले दिन 29 जुलाई को, आयोग सुबह 11 बजे राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा और उन्हें विभिन्न मानवाधिकार मुद्दों और मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के महत्व के बारे में जागरूक करेगा। आयोग तेलंगाना सरकार और उसकी एजेंसियों द्वारा समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण हेतु जारी विभिन्न परामर्शों पर की गई सक्रिय कार्रवाई की भी समीक्षा करेगा। इसके बाद, आयोग राज्य से संबंधित मानवाधिकार मुद्दों को समझने के लिए दोपहर 2 बजे नागरिक समाज संगठनों, गैर सरकारी संगठनों और मानवाधिकार रक्षकों (HRD) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा। इस बैठक के बाद दोपहर 3.30 बजे राज्य में मानवाधिकार मुद्दों और एनएचआरसी द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में व्यापक जानकारी के प्रसार हेतु कैंप सिटिंग के परिणामों के बारे में मीडिया ब्रीफिंग होगी।
भारत का एनएचआरसी मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों को तत्काल त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए 2007 से विभिन्न राज्यों में समय-समय पर कैंप सिटिंग आयोजित करता रहा है। पिछले हफ़्ते, इसने ओडिशा के भुवनेश्वर में एक बेहद उपयोगी 'खुली सुनवाई और शिविर बैठक' आयोजित की। इससे पहले, इसने उत्तर प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, गुजरात, असम, मेघालय, छत्तीसगढ़, मणिपुर, मध्य प्रदेश, पंजाब, केरल, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, झारखंड, अंडमान और निकोबार, नागालैंड, उत्तराखंड, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में 'शिविर बैठकें' आयोजित की हैं।