नई दिल्ली, 6 अगस्त (हि.ला.)। इंडिया गठबंधन ने बिहार में मतदाता सूची की एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया के मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग दोहराते हुए 11 अगस्त को चुनाव आयोग तक मार्च निकालने का ऐलान किया है।
यहां आज विजय चौक पर पत्रकार वार्ता करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत इंडिया गठबंधन के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव आयोग द्वारा चलाई जा रही इस प्रक्रिया को दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, गरीबों, वंचितों, आदिवासियों, मनरेगा कर्मियों और प्रवासी मजदूरों के वोट काटे जाने की साजिश बताया। विपक्ष ने राज्यसभा के उपसभापति के इस तर्क को खारिज कर दिया कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं हो सकती।
मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के पूर्व सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा 21 जुलाई, 2023 को दिए गए एक बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सदन को दुनिया की किसी भी चीज पर बहस करने का अधिकार है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सभी विपक्षी दल एकजुट होकर एसआईआर प्रक्रिया पर संसद में चर्चा चाहते हैं, लेकिन सरकार इसके किए तैयार नहीं है। उन्होंने विपक्ष की मांग दोहराई कि अन्य मुद्दों की तरह एसआईआर पर भी विपक्ष को अपनी बात कहने का अवसर मिलना चाहिए, ताकि मतदाता सूची में गड़बड़ी और वोटों की चोरी को रोका जा सके।
एसआईआर के पीछे के उद्देश्य पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि एसआईआर के जरिए लोगों की नागरिकता पर सवाल उठाया जा रहा है। किसी का वोट छीनना उसकी नागरिकता छीनने के बराबर है। मतदान का अधिकार हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार संसद में इस मुद्दे पर चर्चा नहीं कराती है, तो यह माना जाएगा कि वह न तो लोकतंत्र में विश्वास करती है और न ही संविधान में।
खरगे ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीकों से वोटों की हेराफेरी का काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या बढ़ाई गई, जबकि कर्नाटक में अलग तरह से धांधली की गई और अब बिहार में वोटरों के नाम काटे जा रहे हैं।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि चुनाव आयोग खुद लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांत पर सवाल उठा रहा है और सुप्रीम कोर्ट की सलाह भी नहीं मान रहा है। उन्होंने प्रश्न किया कि अगर चुनाव आयोग एकतरफा रूप से आम नागरिकों के वोटिंग अधिकार छीन लेता है, तो वे अपनी भावनाएं कहां व्यक्त करेंगे? उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संसद सदस्य होने के नाते यह विपक्षी नेताओं का कर्तव्य है कि वे इस मुद्दे को उठाएं।
वेणुगोपाल ने कहा कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से बचने के लिए लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति पर दबाव डाल रही है, इससे लगता है कि सरकार कुछ छुपाना चाहती है। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर 11 अगस्त को इंडिया गठबंधन भारतीय चुनाव आयोग तक मार्च करेगा और उससे इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब मांगेगा।
प्रेस वार्ता की शुरुआत में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने उत्तराखंड में बादल फटने से हुई जनहानि पर शोक व्यक्त किया और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर कांग्रेस से प्रमोद तिवारी और नसीर हुसैन, शिवसेना-यूबीटी से अरविंद सावंत, टीएमसी से सागरिका घोष, आरजेडी से मनोज झा, एनसीपी-एसपी से फौजिया खान, सीपीआई (एम) से जॉन ब्रिटास समेत इंडिया गठबंधन के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।