अहमदाबाद सबसे स्वच्छ शहर घोषित, पिछले विजेता इंदौर और सूरत ‘सुपर लीग’ में शामिल

अहमदाबाद सबसे स्वच्छ शहर घोषित, पिछले विजेता इंदौर और सूरत ‘सुपर लीग’ में शामिल

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नई दिल्ली 17 जुलाई (हि.ला.)। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के पुरस्कारों में अहमदाबाद को गुरुवार को देश का सबसे स्वच्छ बड़ा शहर घोषित किया गया जिसके बाद भोपाल और लखनऊ का स्थान रहा। हालाँकि इंदौर और सूरत सहित पिछले विजेताओं को एक नई सुपर स्वच्छ लीग श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया गया है जिसे राष्ट्रव्यापी रैंकिंग से बाहर रखा गया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह के दौरान 10 लाख या उससे अधिक आबादी वाले शहरों में शीर्ष शहर होने के लिए अहमदाबाद को यह पुरस्कार प्रदान किया। इस वर्ष पुरस्कारों में उन शहरों के लिए एक अलग श्रेणी शामिल थी जो पिछले तीन वर्षों में अपनी श्रेणियों में शीर्ष तीन में रहे थे।

सुपर स्वच्छ लीग शहरों की इस नई श्रेणी में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इंदौर सूरत नवी मुंबई और विजयवाड़ा; और 3 लाख से 10 लाख आबादी वाले शहरों में नोएडा चंडीगढ़ मैसूर उज्जैन और गांधीनगर शामिल थे।

पिछले साल इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से सबसे स्वच्छ शहरों के रूप में मान्यता दी गई थी जिसमें इंदौर लगातार सातवीं बार अपना शीर्ष स्थान बनाए हुए है।

कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि न्यूनतम संसाधनों का उपयोग और उनका समान या विभिन्न उद्देश्यों के लिए पुन: उपयोग भारतीय जीवनशैली का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने कहा कि चक्रीय अर्थव्यवस्था और कम करें-पुन: उपयोग करें-पुनर्चक्रण करें के सिद्धांत प्राचीन जीवनशैली के आधुनिक संस्करण हैं। आदिवासी समुदायों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि चक्रीयता की आधुनिक प्रणालियाँ ऐसे समुदायों की सरल जीवनशैली को अपना सकती हैं।

उत्सव प्रस्ताव राष्ट्रीय रैंकिंग में 3 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में मीरा भयंदर शीर्ष स्थान पर रहा उसके बाद बिलासपुर और जमशेदपुर क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। महाकुंभ के दौरान अपशिष्ट प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज नगर निगम को एक विशेष पुरस्कार भी दिया गया।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत स्थापित ये पुरस्कार 2016 में 73 शहरों के साथ शुरू किए गए थे। इस वर्ष सर्वेक्षण में 4589 शहरों को शामिल किया गया।

कार्यक्रम में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मंत्रालय 15 अगस्त को पुराने लैंडफिल के सुधार के लिए एक विशेष एक वर्षीय अभियान शुरू करेगा।

2021 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 का एक लक्ष्य 2026 तक शहरों में सभी पुराने लैंडफिल का शत प्रतिशत सुधार करना था। एक साल बीत जाने के बाद एसबीएम-यू डैशबोर्ड से पता चलता है कि शहरों में 42 प्रतिशत कचरे का अभी तक सुधार नहीं हुआ है।

मंत्री ने कहा कि सुधार कार्यों में तेज़ी लाने और अपशिष्ट प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने के लिए एक त्वरित डंपसाइट सुधार कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। बाद में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार वित्तपोषण और निविदा सहित देरी के कारणों का आकलन करने के बाद सुधार परियोजनाओं में शहरों और राज्य सरकारों की सहायता करेगी।

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