अवामी लीग का आरोप, "यूनुस सरकार ने गोपालगंज के नागरिकों का 'सफाया' किया"

अवामी लीग का आरोप, "यूनुस सरकार ने गोपालगंज के नागरिकों का 'सफाया' किया"

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ढाका 19 जुलाई (आईएएनएस) । बांग्लादेश की सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने गोपालगंज जिले में निहत्थे नागरिकों पर किए गए क्रूर और घातक कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।

पार्टी ने यूनुस सरकार को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि राज्य बलों को उन नागरिकों का सफाया करने का आदेश दिया गया जो यूनुस समर्थित नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) के कार्यकर्ताओं का समर्थन करने से इनकार कर रहे थे।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को प्रदर्शनकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच झड़पों के बाद कर्फ्यू की घोषणा की गई।

प्रदर्शनकारियों पर किए गए हिंसक दमन अभियान में कथित तौर पर चार लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हुए। बताया गया कि हजारों की संख्या में लोग बुधवार को गोपालगंज की सड़कों पर उतरे जहां उन्होंने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के शुरू किए गए राज्य प्रायोजित दमन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

गोपालगंज के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) मोहम्मद कमरुज्जमां ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए बताया कि कर्फ्यू शनिवार सुबह तक लागू रहेगा।

अवामी लीग ने कहा हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं कि कई दिनों से कर्फ्यू थोपने और पूरी तरह से छूट दिए जाने के बाद बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाओं और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्य गोपालगंज में निहत्थे नागरिकों पर आधी रात को घातक कार्रवाई कर रहे हैं। यह राज्य तंत्र का दुरुपयोग है जिसका उद्देश्य जनता के उस आक्रोश को कुचलना है जो यूनुस की विभाजनकारी राजनीति भीड़तंत्र और देश के धर्मनिरपेक्षता व बहुलतावाद जैसे मूल सिद्धांतों को मिटाने की कोशिश के खिलाफ फूटा है।

बयान में आगे कहा गया हम साफ तौर पर कहते हैं कि यूनुस शासन की मंजूरी के तहत सिर्फ इसलिए कि नागरिकों ने यूनुस समर्थित नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) के कार्यकर्ताओं को अस्वीकार किया कानून प्रवर्तन एजेंसियां पूरी रात ब्लॉक रेड कर रही हैं लोगों को उनके घरों से खींचकर ले जा रही हैं यातनाएं दे रही हैं और सैकड़ों निहत्थे नागरिकों को मनमाने ढंग से गिरफ्तार कर रही हैं। यह मानवाधिकारों के हर पहलू का उल्लंघन है।

अवामी लीग ने जोर देते हुए कहा कि 48 घंटे बीत जाने के बाद भी यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के किसी शीर्ष अधिकारी ने पीड़ित परिवारों की कोई मदद नहीं की। इतना ही नहीं डरे-सहमे परिजनों को इन सुरक्षा बलों के जरिए की गई कथित गैर-न्यायिक हत्याओं के खिलाफ एक भी केस दर्ज करने की अनुमति नहीं दी गई। यह इस बात का साफ संकेत है कि सरकार राज्य तंत्र का दुरुपयोग कर रही है।

पार्टी ने उन पीड़ितों के परिवारों पर दोष मढ़ने के प्रयास की निंदा की जिन्हें कानून प्रवर्तन ने गोली मारकर बिना पोस्टमार्टम के दफना दिया था।

अवामी लीग ने वैश्विक समुदाय से पीड़ितों के परिवार के सदस्यों और गवाहों के बयानों पर विचार करने का आग्रह किया जो पहले से ही सोशल मीडिया और मुख्यधारा के मीडिया पर उपलब्ध हैं।

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