अंशु मलिक: पिता का सपना पूरा करने वाली बेटी, जिसने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में रचा था इतिहास

अंशु मलिक: पिता का सपना पूरा करने वाली बेटी, जिसने वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में रचा था इतिहास

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नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)। अंशु मलिक भारत की प्रतिभाशाली महिला पहलवान हैं, जिन्होंने छोटी-सी उम्र में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। वह 2021 में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला बनीं। अंशु की मेहनत, जुनून और संघर्ष युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।

5 अगस्त 2001 को जींद में जन्मीं अंशु मलिक पहलवानों के परिवार से आती हैं। कुश्ती उनकी रगों में है। अंशु के पिता धर्मवीर, भाई शुभम और चाचा पवन भी इस खेल में नाम कमा चुके हैं।

निडानी गांव की रहने वालीं अंशु कुश्ती के माहौल के बीच ही पली-बढ़ीं। महज 11 साल की उम्र में उन्होंने अपने भाई के साथ कुश्ती के दांव-पेंच सीखने शुरू कर दिए। परिवार अंशु के टैलेंट को समझ चुका था। बेटी को भरपूर सपोर्ट किया गया।

1990 के दशक में भारतीय कुश्ती टीम का प्रतिनिधित्व कर चुके पिता का सपना था कि एक दिन बेटी ओलंपिक में देश का नाम रोशन करेगी। अंशु चौधरी 'भारत सिंह मेमोरियल स्कूल' में कुश्ती की ट्रेनिंग शुरू कर चुकी थीं। यहां उन्हें कोच जगदीश श्योराण का मार्गदर्शन मिला।

अंशु मलिक ने साल 2016 में एशियाई कैडेट चैंपियन में पदक जीता। साल 2017 में 60 किलोग्राम भार वर्ग में उन्होंने विश्व कैडेट चैंपियन का खिताब जीता। इसके बाद साल 2018 में एशियाई कैडेट का खिताब भी अपने नाम किया। इसी के साथ उन्होंने वर्ल्ड कैडेट और जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते।

साल 2020 में उन्होंने सीनियर लेवल पर धाक जमानी शुरू कर दी। साल 2020 में उन्होंने माटेओ पेलिकोन रैंकिंग सीरीज में रजत, जबकि एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।

साल 2021 में अंशु 57 किलोग्राम डिवीजन में एशियन चैंपियन बनीं। टोक्यो 2020 में कोहली की चोट के चलते अंशु मलिक को राउंडर ऑफ 16 में हार का सामना करना पड़ा। रेपचेज राउंड में उन्हें एक बार फिर शिकस्त झेलनी पड़ी। 2024 पेरिस ओलंपिक में भी उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया।

अंशु मलिक ने 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। उन्हें फाइनल में नाइजीरिया की ओडुनायो अदेकुओरोये से हार का सामना करना पड़ा।

एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड जीत चुकीं अंशु जापानी पहलवान काओरी इको को अपना आइडल मानती हैं, जिन्होंने 2004 एथेंस, 2008 बीजिंग, 2012 लंदन और 2016 रियो डी जनेरियो में गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

अंशु मलिक को उनके बेहतरीन खेल के चलते साल 2022 में 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया जा चुका है।

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